स्वतन्त्रता
स्वतन्त्रता किसे प्रिय नहीं है ? सभी को स्वतन्त्र रहना पसंद है ! मानव का विकास सही स्टार पर तभि हो सकता है जब उसे पूर्ण रूप से स्वतन्त्रता मिले. यहाँ तक की पशु पक्षी भी सभी बंधनों से मुक्त होकर अस्स्मन में उड़ना चाहते है. हमारा भारत भी कई सालों तक घुलाम रहा था. मगर अनेक वेर्रों व देश भक्तों ने अपने प्राण का बलिदान देकर भारत की १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी दिलाई.
आजादी को और भी कई तरीकों से देखा जा सकता है . जैसे महिलाओं के लिए आज़ादी का मतलब कुछ और है . आज देखने को मिलता है की भारत की स्वतन्त्रता के ७० साल बाद महिलाओं को भी ज्यादा आज़ादी मिल रही है. उन्हें आगे बढ़ने के अवसर दिए जा रहे है जैसे पढाई और जॉब करने का मौका . अपनी मर्ज़ी से शादी करने की और अपना व्यवसाय खुद चुनने की अज्ज़दी आज कल की महिलाओं को मिल रही है. इसमें सर्कार का भी बड़ा हाथ है. महिलों के लिए नयी नयी स्कीमें बन रही है जिससे महिलाएं अपना विकास करके आत्मनिर्भर बन सकती है.
हमारे इलाके राजीव नगर में १५ अगस्त के दिन पर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी मिल जुलकर इस दिन को मानते हैं . इस दिन सब लड़ाई झगडें भूल कर पतंग उड़ाते हैं. हमें अपनी स्वतन्त्रता की कीमत को कभी नहीं भूलना चाहिए. जगह जगह पर सांस्क्रतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. हमारे इलाके में सभी त्योहारों को मिल जुल कर मनाया जाता है.
स्वन्तान्त्रता दिवस के उत्सव में विद्यालयों में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. विद्यार्थी इनमें पूरी लगाम से भाग लेते हैं. इस त्यौहार से ईमानदार बन्ने की प्रेरणा मिलती है .
- शर्मीन
सेवा यूथ क्लब